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सरकारी तालाब पर कब्जा करने की शिकायत करना पड़ा भारी

मेरठ के कस्बा परीक्षितगढ़ में एक सरकारी तालाब पर कब्जा करने की शिकायत करना समाजसेवी
अशोक शांडिल्य त्यागी को भारी पड़ गया। बार-बार शिकायत करने पर गुस्साए कब्जाधारी भूमाफिया के लोगों ने शिकायतकर्ता को जान से मारने की हद तक बुरी तरह पीटा। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।

फिलहाल पीड़ित शिकायतकर्ता मेरठ शहर के अस्पताल में आईसीयू में भर्ती है। वीडियो वायरल होने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और तहरीर नहीं मिलने की बात कही जा रही है। कब्जेधारी का रिश्ता वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष से बताया जा रहा है।

जिस व्यक्ति की सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रही है। वह परीक्षितगढ़ कस्बा निवासी समाजसेवी और आरटीआई कार्यकर्ता अशोक शांडिल्य त्यागी का बताया जा रहा है। फिलहाल अशोक त्यागी मेरठ के एक अस्पताल में आईसीयू वार्ड में भर्ती हैं। अशोक के नजदीकी लोगों ने बताया कि नगर पंचायत परिक्षितगढ़ में एक सरकारी तालाब पर पिछले काफी समय से कब्जा किया जा रहा था। जिस पर अध्यक्ष नगर पंचायत और एक सत्ताधारी नेता के लोग कब्जा कर दुकानों का निर्माण कर रहे थे।

लगातार शिकायतकर्ता को मिल रही थी धमकी अशोक शांडिल्य त्यागी पिछले काफी समय से इस अवैध कब्जे के खिलाफ प्रशासनिक अधिकारियों के यहां शिकायत कर रहा था। शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर भी सजा की थी। लगातार शिकायतकर्ता को धमकी भी मिल रही थी कि वह अपनी शिकायत वापस ले।

भूमाफिया कब्जाधारियों की बात नहीं मानने पर गुरुवार को परीक्षितगढ़ में मुंह पर डाटा बंधे हुए कुछ युवकों ने अशोक शांडिल्य पर हमला कर दिया और जान लेने की हद तक उसे बेरहमी से पीटा। आरोपी हमलावर उसे यह समझकर छोड़ गए कि अब उसमें जान नहीं बची है। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में हमले की पूरी घटना कैद हो गई। सीसीटीवी की फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

परिजनों ने पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद भी पुलिस कार्रवाई से बच रही है और तहरीर नहीं मिलने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ रही है। इंस्पेक्टर परीक्षितगढ़ रमेश शर्मा ने बताया कि अभी तक तहरीर नहीं आई है। उसके बाद ही कुछ कार्रवाई होगी। वहीं, यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि नगर पंचायत अध्यक्ष और एक सत्ताधारी नेता ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है।

मामले में परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया है, वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है।

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